मैं कहाँ शायर था,
ना चाहत का मारा था
बस दर्द की ख़ामोशीने
लिखना सीखा दिया-
# शायरी - #DardKiSyahi #Dard Ki Syahi
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें